Biography of Ratan Tata | रतन टाटा का जीवन परिचय और उनके सफलता के नियम
रतन टाटा विख्यात और सम्मानित भारतीय व्यवसायियों में से एक हैं। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को बंबई (अब मुंबई) में हुआ। रतन टाटा भारत और विदेशों में विभिन्न संगठनों के साथ कार्य कर चुके हैं। वे व्यापार और उद्योग से संबंधित प्रधानमंत्री परिषद् के सदस्य भी रहे हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा जनवरी 2000 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया।
रतन टाटा के अनुसार, सफलता के दस नियम इस प्रकार हैं-
नियम 1. गुण और प्रतिभा
हर व्यक्ति में कुछ-न-कुछ विशेष गुण और प्रतिभा होती है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंदर मौजूद गुणों एवं प्रतिभा को पहचानना चाहिए। वह व्यक्ति, जो अपनी संगति से ऊपर सफल होता है, वह वही होता है, जो जीवन के आरंभिक रूप से अपनी वस्तु को स्पष्ट रूप से देखता है और उस वस्तु की ओर आदतन अपनी शक्तियों का निर्देशन करता है।
नियम 2. संतुलित व सफल जिंदगी
जीवन में केवल अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा कॅरियर ही काफी नहीं है। आपका लक्ष्य होना चाहिए कि एक संतुलित व सफल जिंदगी जी जाए। संतुलित जीवन का मतलब है—आपका स्वास्थ्य, लोगों से अच्छे संबंध और मन की शांति; सबकुछ अच्छा होना चाहिए। जो अंदर होता है, वह हमेशा बाहर दिखाई देता है।
नियम 3. समान अवसर
हम सभी के पास समान योग्यता नहीं है, लेकिन हमारे पास अपनी प्रतिभा को विकसित करने के लिए समान अवसर हैं। जितना अधिक हम एक विचार या एक लक्ष्य के बारे में महसूस करते हैं, उतने ही अधिक विचार हमारे अवचेतन में गहरे दफन होते हैं, जो हमें इसकी पूर्ति के मार्ग की ओर ले जाते हैं।
नियम 4. जीवन का आनंद
केवल पैसा और प्रसिद्धि कमाना ही काफी नहीं है। सोचिए, जब आपका किसी से ब्रेकअप हो तो उस दिन कंपनी में प्रमोशन कोई मायने नहीं रखता। जब आपकी पीठ में दर्द हो तो कार ड्राइविंग करने में कोई आनंद नहीं आता। जब आपके दिमाग में टेंशन हो तो शॉपिंग करने में भी कोई आनंद नहीं आता। यह जीवन आपका है। इसे इतना भी गंभीर मत बनाइए। हम सब इस दुनिया में कुछ पलों के मेहमान हैं तो जीवन का आनंद लीजिए।
नियम 5. अलग ढंग से
ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें अगर मुझे दोबारा जीने का मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर यह नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया? मौके तैयार मन की तरफदारी करते हैं। जितना अधिक आप अभ्यास करते हैं, आप उतने भाग्यशाली बन जाते हैं।
नियम 6. मेहनत
विश्व के करोड़ों लोग मेहनत करते हैं, लेकिन सबको इसका फल अलग-अलग प्राप्त होता है। इन सबके लिए मेहनत जिम्मेदार है। इसलिए मेहनत से मत भागिए, मेहनत करने के तरीकों में सुधार लाइए। यह मत सोचिए कि इसे करने का सबसे सस्ता तरीका क्या है या इसे करने का सबसे तेज तरीका क्या है? सोचो, इसे करने का सबसे गजब का तरीका क्या है?
नियम 7. पत्थरों से मजबूत स्मारक
उन सारे पत्थरों को अपने पास रख लें, जिन्हें लोग आप पर फेंकते हैं; और उन पत्थरों का उपयोग एक मजबूत स्मारक बनाने में करें। गलतियाँ करना महान् बनने के लिए काफी नहीं है। आपको गलतियाँ स्वीकार करना होगा और फिर सीखना होगा कि कैसे उस गलती को अपने फायदे में बदल दें।
नियम 8. नकल को ना
वह व्यक्ति, जो दूसरों की नकल करता है, कुछ समय के लिए तो सफल हो सकता है, परंतु जीवन में बहुत आगे नहीं बढ़ पाता। कोई उद्यम शुरू करना बिना पैराशूट के हवाई जहाज से कूदने के जैसा है। बीच हवा में उद्यमी पैराशूट बनाना शुरू करता है और उम्मीद करता है कि जमीन पर गिरने से पहले वह खुल जाएगा।
नियम 9. जीवन में उतार-चढ़ाव
आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव बहुत जरूरी हैं, क्योंकि ई.सी.जी. में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं। जब आपको सोचने के लिए मजबूर किया जाता है, तब आप अपनी मानसिक क्षमता का विस्तार करते हैं। जब आप अपनी मानसिक क्षमता का विस्तार करते हैं, आपकी दौलत बढ़ जाती है।
नियम 10. प्रश्न पूछें
मैं हमेशा लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कहता हूँ। कहता हूँ कि लोग प्रश्न पूछें, जो अभी तक पूछे नहीं गए हैं; नए विचारों को आगे रखें, नए आइडियाज पर विमर्श करें, ताकि दुनिया को और बेहतरीन बनाया जा सके। जीवन में सबसे सफल लोग वे होते हैं, जो सवाल पूछते हैं। वे हमेशा सीखते हैं। वे हमेशा आगे बढ़ते हैं। वे हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं।
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