Biography of barak Obama
बराक ओबामा के अनुसार, सफलता के दस नियम इस प्रकार हैं-
नियम 1. सही राह पर चलना
यदि आप सही राह पर चल रहे हैं और आप चलते रहने के लिए तत्पर हैं तो आप अंततः प्रगति करेंगे। यदि आप आगे बढ़ते रहते हैं तो कुछ चोटें जल्दी से ठीक हो जाती हैं। बहाने बहुत सस्ते होते हैं, इसलिए गरीब इसे बहुत ज्यादा अफोर्ड कर लेते हैं।
नियम 2. बदलाव के लिए
अगर हम किसी अन्य व्यक्ति या किसी अन्य समय के लिए प्रतीक्षा करेंगे तो बदलाव नहीं आ पाएगा। हम ही वे लोग हैं, जो इसका इंतजार कर रहे हैं। हम ही वे हैं, जो परिवर्तन चाहते हैं।
नियम 3. मूल्यों की कीमत
यदि हम अपने मूल्यों के लिए एक कीमत अदा करने को तैयार नहीं हैं, यदि हम उन्हें साकार करने के लिए कुछ त्याग करने को तैयार नहीं हैं, तब हमें अपने आप से पूछना चाहिए कि क्या हम सही मायने में उन सब पर विश्वास रखते हैं?
नियम 4. दायित्व और जिम्मेदारी
यह प्रत्येक नागरिक का दायित्व और जिम्मेदारी है कि वे स्कूलों और उनमें पढ़नेवाले बच्चों पर धन का निवेश करें। हमें उन बच्चों की इच्छाओं का पूरी तरह ध्यान रखना होगा, जिनके अंक हमेशा अच्छे आए और वे सफलता के लिए हमेशा सोचते रहे और उन्हें यह बताना होगा कि वे भी दूसरे बच्चों की तरह पढ़-लिखकर आगे बढ़ सकते हैं।
नियम 5. साहस और प्रतिबद्धता
हमारी सुरक्षा, हमारी अर्थव्यवस्था और हमारे ग्रह के लिए बदलाव लाने का हममें साहस और प्रतिबद्धता होनी चाहिए। पहले खुद से कहो कि तुम क्या बनोगे और फिर वह करो, जो तुम्हें करना है। जो सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने की कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं, वे खुश रहते हैं।
नियम 6. अवसरों की कमी की शिकायत नहीं
अपनी असफलताओं को अपने आपसे परिभाषित मत करने दो। कोई भी महान् व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता। कोई पहाड़ चढ़ना मुश्किल नहीं है, शिखर पर मिलते हैं। यदि आपके पास जरूरत से ज्यादा है तो उसे उनसे शेयर करिए, जिन्हें उसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
नियम 7. विश्व स्तरीय शिक्षा
आज के श्रमिकों को प्रशिक्षण देना काफी नहीं है। हमें कल के श्रमिकों को भी तैयार करना पड़ेगा और इसके लिए सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को विश्व स्तरीय शिक्षा मिले। जो लोग अपनी सोच नहीं बदल सकते, वे कुछ नहीं बदल सकते। जिस नजर से आप इस दुनिया को देखेंगे, यह दुनिया आपको वैसी ही दिखेगी।
नियम 8. सच ईश्वर को याद रखो और हमेशा सच बोलो।
दूसरों की दुष्टता के बदले अपने अंदर की दुष्टता पर वार करो। अगर आप अपने कर्मों की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं तो आप हमेशा के लिए अपने बचाव की स्थिति में ही रहेंगे।
नियम 9. उत्कृष्ट बनना
उत्कृष्टता के इस विचार को आत्मसात् करने की जरूरत है। कई लोग उत्कृष्ट बनने के लिए समय तक खर्च नहीं करते। जीवन में कभी किसी को कसूरवार न बनाएँ। अच्छे लोग खुशियाँ लाते हैं, बुरे लोग तजुरबा। अपनी कामयाबी को इतना छोटा न समझो, यह सिर्फ नसीबवालों को नसीब होती है।
नियम 10. उत्साहवर्धन
उत्साहवर्धन क्या है? यह किसी कार्य को शुरू करने के लिए उसमें पहली लगाई जानेवाली पूँजी है। एक ‘इच्छा’ कुछ नहीं बदलती, एक ‘निर्णय’ कुछ बदलता है; लेकिन एक ‘निश्चय’ सबकुछ बदल देता है। आत्मविश्वास के साथ आप गगन चूम सकते हैं और आत्मविश्वास के बिना मामूली-सी उपलब्धियाँ भी आपकी पकड़ से परे हैं।
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