Stephen Hawking Biography,  स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय और उनके सफलता के 10 नियम

Stephen Hawking Biography,  स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय

स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड में हुआ। ऑक्सफोर्ड से भौतिक-शास्त्र में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में ब्रह्म‍ांडिकी एवं सामान्य आपेक्षिकता पर अनुसंधान आरंभ किया।

 21 वर्ष की उम्र में उन्हें एक असाध्य रोग मोटर न्यूरॉन ने जकड़ लिया। यह रोग शरीर-संचालन एवं वाक्-शक्ति को प्रभावित करता है। इसके बावजूद वे अनुसंधान में लगे रहे। सन् 1966 में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि मिली। इसके बाद उन्होंने ‘ब्लैक होल्स’ पर अध्ययन आरंभ किया। सन् 1973 में उन्होंने इस बात पर अविश्वास प्रकट किया कि ‘ब्लैक होल्स’ अंतरिक्ष में ऊर्जा व कणों का उत्सर्जन कर सकते हैं और यहाँ तक कि तेज ऊर्जा का फव्वारा छोड़ सकते हैं। 

उनकी यह विस्फोटक खोज सन् 1974 में ‘नेचर’ पत्रिका में ‘ब्लैक होल एक्सप्लोजन’ शीर्षक से प्रकाशित हुई। सन् 1977 में वे कैंब्रिज में गुरुत्वाकर्षणीय भौतिकी के प्रोफेसर नियुक्त हुए और 1979 में कैंब्रिज में गणित के ल्यूकेसियन प्रोफेसर बने। सन् 1663 में आइजक न्यूटन इस पद पर आसीन थे। 

सन् 1988 में उनकी ‘ए ब्रीफ हिस्टरी ऑफ टाइम’ (समय का संक्षिप्त इतिहास) पुस्तक प्रकाशित हुई, जो 1998 में ‘गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ द्वारा सदाबहार सर्वाधिक बिक्रीवाली पुस्तक के रूप में दर्ज हुई। 11 मार्च, 2018 को कैंब्रिज में उनका निधन हो गया। 

Stephen Hawking Biography,  स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय

स्टीफन हॉकिंग के अनुसार, सफलता के दस नियम इस प्रकार हैं-

नियम 1. बोलना 

हमारी बुद्धिमत्ता की सबसे बड़ी उपलब्धि हमें बोलने से मिलती है और हमारी बुद्धिमत्ता की सबसे बड़ी असफलता न बोलने में है। कभी भी अपनी मानसिकता को असफलता की ओर मत ले जाइए, क्योंकि हमारी सबसे बड़ी आशा ही हमारा भविष्य बनती है। इसलिए हमें सभी से हमेशा बोलते रहना चाहिए। 


नियम 2. प्यार, खुशी और सुंदरता

 कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि प्यार, खुशी और सुंदरता जैसी बातें किसी अलग समुदाय के लोगों के लिए बनी हैं, जो विज्ञान से अलग हों; लेकिन मुझे ऐसा कभी नहीं लगता। यह खुशी की अपेक्षाओं में है कि हमें बहुत खुशी मिलती है और खुशी की उम्मीद करने के लिए साहस चाहिए। 


 नियम 3. चीज की महत्ता 

 कोई भी व्यक्ति जब किसी चीज की उम्मीद पूरी तरह खो देता है, तब उसे सचमुच उस चीज की महत्ता समझ में आती है, जो उसके पास है। दृष्टि वह है, जो आप अपनी आँखों से देखते हैं। विजन वह है, जो आप अपने दिमाग से देखते हैं। 


 नियम 4. भगवान् का पासा

  भगवान् सिर्फ पासा नहीं खेलते, बल्कि कभी-कभी उसे ऐसी जगह फेंकते हैं कि वे दिखाई भी नहीं देते हैं। प्रत्येक वह चीज, जिसे हम देख सकते हैं, वह उसकी परछाईं है, जिसे हम देख नहीं सकते। बदलाव का सबसे कठिन हिस्सा अनजान रास्ते से होकर गुजरना होता है। 


  नियम 5. सफलता पाना 

  भले ही आपके जीवन में कितनी भी परेशानियाँ आएँ या आपको अपना जीवन कितना ही कठिन लगे, अगर आप सफलता पाना चाहते हैं तो हमेशा कुछ-न-कुछ करते रहें, जिससे आप जरूर सफल होंगे।

Stephen Hawking Biography,  स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय


   नियम 6. विकलांगों को सलाह 

 दोस्तों स्टीफन हॉकिंग कहते हैं कि अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी यह सलाह है कि बे सभी लोग उन चीजों पर ज्यादा ध्यान दें, जो कि अच्छी तरीके से करने से आपकी विकलांगता नहीं रोकती तथा उन चीजों के लिए अफसोस में भी नहीं रहे, जिन काम को करने में ये बाधा डालती हैं। 


  नियम 7. समस्याओं का समाधान 

  यदि आप कहीं फँसे हुए हों तो वहाँ उग्र होना अच्छी बात है। हम सिर्फ समस्याओं के बारे में सोचते रहते हैं, लेकिन कभी उसे हल करने की कोशिश नहीं करते।


  नियम 8. गुस्सा या शिकायत 

  यदि मैं अपनी विकलांगता के लिए गुस्सा करूँ तो यह मेरे लिए समय को व्यर्थ गँवाने जैसा होगा। यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए वक्त नहीं रहेगा। 


  नियम 9. जीने का अर्थ और उद्देश्य 

  आपका कार्य ही आपको जीवन जीने का अर्थ एवं उद्देश्य देता है और इसके बिना आपका जीवन बिलकुल अधूरा है। बहुत सारे लोग सोचने में बहुत आलसी होते है और कुछ नया सीखने की बजाय वे एक ही विचार के बारे में बार बार सोचते रहते हैं। 


  नियम 10. परफेक्शन 

  अगली बार अगर कोई यह शिकायत करे कि आपने गलती कर दी तो उन्हें बताएँ कि यह अच्छी बात है, क्योंकि बिना परफेक्शन के आप कभी कुछ छोड़ नहीं सकते। जब आप अपने ज्ञान की सीमाओं तक पहुँच जाते हैं तो कुछ गलतियाँ करने का समय आ जाता है। 


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